संस्था गौरव कविता


______काव्यानंद______

काव्यानंद रचिला पाया 
काव्यानंदी रमले मन 
 हर्ष आनंद 
 काव्यानंदी सुख सागर .... 


काव्यानंद सुगंधी परिमळ 
काव्यानंदी आनंद निर्मळ 
 सुखाचा डोह 
काव्यानंदी मन तरंग... 


काव्यानंद कवितेचे आरव 
काव्यानंदी मनी हिरवळ 
 लूटू आनंद 
 .काव्यानंदी देत घेतचि.... 


... सौ. गीता विश्वास केदारे...

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